कौन कहता है कि आसमा में छेद नहीं होता यारों...

अनंत आकाश हमेशा से ही मानव आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आदिम मानव ने जब-जब सर उठा कर ऊपर की ओर देखा तो हमेशा खुद को छोटा पाया. फिर क्या था, मान लिया गया कि दूर गगन में छितराए हुए ये सितारे हमारे भाग्य विधाता है. हमारे भाग्य और इन सितारों के बीच सम्बन्ध तय करने के लिए कुछ अध्ययन शुरू किये गए. विज्ञान इन अध्ययनों की पुष्टि तो नहीं करता है, लेकिन ये अध्ययन अनुभव की कसौटियों पर खरे उतरते है. यहाँ हम भाग्य और सितारों के इस खेल की ही चर्चा करेंगे, लेकिन एक बात जान लीजिये. अगर तबियत से पत्थर उछाला जाए तो आसमान में भी छेद हो सकता है. सफलता का कोई सार्ट-कट नहीं है और पुरुषार्थ के आगे भाग्य कही नहीं ठहरता है।
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